16) रामकुमार वर्मा ने प्रेमाख्यान परंपरा का प्रवर्तक किसे
माना है?
"A) कुतुबन
B) असाइत
C) मुल्ला दाऊद
D) मलिक मुहम्मद जायसी
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सही उत्तर है, विकल्प...
► (D) मलिक मुहम्मद जायसी
O रामकुमार ने प्रेमाख्यान परंपरा का प्रवर्तक ‘मलिक मोहम्मद जायसी’ को माना है।
व्याख्या:
हिंदी साहित्य में सूफी प्रेमाख्यान की लंबी परंपरा रही है। प्रेमाख्यान का युग का आरंभ मौलाना दाऊद के ‘चंद्रकाव्य’ से माना जाता है। जायसी ने प्रेमाख्यान का सफलतापूर्वक चित्रण किया है।
प्रेमाख्यान का प्रारंभ सबसे पहले मुल्ला दाऊद की ‘चंद्रायन’ नामक रचना से हुआ था। उनसे ही प्रेरित होकर मलिक मोहम्मद जायसी ने ‘प्रेमकाव्य’ की रचना की और वह बाद में प्रेमाख्यान परंपरा के प्रवर्तक माने जाने लगे।
मलिक मोहम्मद जायसी 15वीं, 16वीं शताब्दी में हिंदी साहित्य में भक्ति काल की निर्गुणी प्रेमाख्यान धारा के कवि थे। उनकी प्रथम रचना ‘आखिरी कलाम’ थी। उनकी सबसे प्रसिद्ध रचना ‘पद्मावत’ रही है।
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