Social Sciences, asked by hamzaamir00315, 3 months ago

16. शुरुआती अवस्था में वैश्वीकरण (ग्लोबलाइजेशन) भारत जैसे औपनिवेशिक देशों से कच्चे माल के निर्यात
और विकसित यूरोपीय देशों और यूएसए से निर्मित माल के आयात तक सीमित था ।
विश्लेषण करें तथा ऐसे विकल्प का चयन करिए जो बीसवीं शताब्दी में अर्थव्यवस्था में परिवर्तन का कारक था​

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Answered by madhupathak2
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Answer:

वैश्वीकरण का शाब्दिक अर्थ स्थानीय या क्षेत्रीय वस्तुओं या घटनाओं के विश्व स्तर पर रूपांतरण की प्रक्रिया है। इसे एक ऐसी प्रक्रिया का वर्णन करने के लिए भी प्रयुक्त किया जा सकता है जिसके द्वारा पूरे विश्व के लोग मिलकर एक समाज बनाते हैं तथा एक साथ कार्य करते हैं। यह प्रक्रिया आर्थिक, तकनीकी, सामाजिक और राजनीतिक ताकतों का एक संयोजन है।[1] वैश्वीकरण का उपयोग अक्सर आर्थिक वैश्वीकरण के सन्दर्भ में किया जाता है, अर्थात व्यापार, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, पूंजी प्रवाह, प्रवास और प्रौद्योगिकी के प्रसार के माध्यम से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं में एकीकरण।[2]

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