16. तुलसीदास जी के अनुसार आंतरिक और बाह्य शुद्धि कैसी होती है ?
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Explanation: प्रस्तुत दोहे के द्वारा तुलसीदास जी कहते है कि जिस तरह देहरी पर दिया रखने से घर के भीतर तथा आंगन में प्रकाश फैलता है, उसी तरह राम नाम जपने से मानाव की आंतरिक और बाह्य शुद्धि होती है।
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