Hindi, asked by sunitaagarwal9548, 7 months ago

17. मन की मन ही माँझ रही का आशय स्पष्ट
कीजिए। सूरदास के पद के आधार पर बताइए।​

Answers

Answered by sahinakhansahinakhan
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Explanation:

हे उद्धव जी! हमारे मन की बात तो हमारे मन में ही रह गई। हम कृष्ण से बहुत कुछ कहना चाह रही थीं, पर अब हम कैसे कह पाएँगी

Answered by aroranishant799
1

Answer:

जब श्रीकृष्ण के मित्र उद्धव जी कृष्ण का यह संदेश सुनाते हैं कि वे नहीं आ सकते, तब गोपियों का हृदय उठ खड़ा होता है और उद्धव से अधीरता से कहता है कि उद्धव जी ! हम कृष्ण से बहुत कुछ कहना चाहते थे, लेकिन अब हम कैसे कह पाएंगे। उद्धव जी ! जो बातें हमें केवल और केवल श्री कृष्ण को कहनी हैं, वे बातें किसी और को कह कर सन्देश नहीं भेज सकतीं।

Explanation:

कृष्ण ने गोपियों को अकेला छोड़ दिया। गोपियों से मिलने आने के बजाय, उन्होंने उनके लिए योग और संदेश भेजे। गोपियाँ उन्हें अपना मन नहीं बता सकीं। वह कृष्ण के सामने अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाई। इसलिए उसका मन मन में ही रह गया। उद्धव जी ! हमारा मन हमारे मन में रहा। हम कृष्ण से बहुत कुछ कहना चाहते थे, लेकिन अब हम कैसे कह पाएंगे। उद्धव जी ! जो बातें हमें केवल और केवल श्री कृष्ण को कहनी हैं, वे बातें किसी और को कह कर सन्देश नहीं भेज सकतीं।

#SPJ2

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