17. नीचे दिए गए प्रस्थान बिंदुओं के आधार पर लगभग 100-120 शब्दों में एक लघु कथा लिखिए-
(i) सिद्धार्थ कपिलवस्तु के राजा शुद्धोधन के पुत्र थे।
(ii) वे बचपन से ही बड़े दयालु
(iii) सिद्धार्थ अपने चचेरे भाई के साथ बाग में खेल रहे थे।
(iv) अचानक एक खून से लथपत हंस उनके पैरों के पास आ गिरा।
(v) सिद्धार्थ ने उसके पंख से तीर निकाला, रक्त धोया, आहत पंख पर उत्तरीय बाँधा, उसे नया =
(vi) चचेरे भाई द्वारा हंस माँगने पर वे निर्णय के लिए राजा के पास गए।
(vii) महाराज ने जीवन रक्षक सिद्धार्थ के पक्ष में अपना निर्णय सुनाया।
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कहानी लेखन।
Explanation:
दयालु सिद्धार्थ।
- कपिलवस्तु नाम का राज्य हुआ करता था। इस राज्य के राजा शुद्धोधन के पुत्र सिद्धार्थ थे।
- बचपन से ही सिद्धार्थ बड़े दयालु स्वभाव के थे। एक दिन सिद्धार्थ अपने चचेरे भाई के साथ बगीचे में खेल रहे थे। अचानक उनके पैरों के पास रक्त से लथपत एक हंस आ गिरा।
- वह हंस घायल हुआ था। सिद्धार्थ ने उसके पंख से तीर को निकाला और उसके रक्त को कपड़े से साफ किया।
- उसके घायल पंख पर सिद्धार्थ ने उत्तरीय बांधा और कुछ दिनों के लिए उसने हंस को अपने पास रखा। सिद्धार्थ हंस की देखभाल करता था। कुछ दिनों के बाद हंस पूर्ण रूप से स्वस्थ हुआ।
- तब उसके चचेरे भाई ने सिद्धार्थ से हंस को माँगा। सिद्धार्थ ने उसे हंस देने से नकार दिया।
- तब चचेरा भाई राजा के पास हंस का मुद्दा लेकर चला गया। राजा ने हंस को नया जीवन देनेवाले और उसका जीवन रक्षक बननेवाले सिद्धार्थ के पक्ष में निर्णय सुनाया।
- सीख: मनुष्य को पशु पक्षियों के प्रति दयालुता दिखानी चाहिए।
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