17. शिवाजी ने किस वर्ष छत्रपति की उपाधि धारण की?
(A) 1608 ई.
(B) 1646 ई.
(C) 1674 ई.
(D) 1710 ई.
Answers
Answer:
C) 1674 ई.
Explanation:
C) 1674 ई.
शिवाजी महाराज ने 1674 ई. मे छत्रपति की उपाधि धारण की ।
अतिरिक्त जानकारी :
छत्रपति शब्द का अर्थ है, सम्राट । सम्राट मतलब चक्रवर्ती राजा।
छत्रपति यह शब्द मराठो द्वारा शिवाजी महाराज के लिए प्रयोग किए जाने वाला शब्द है, जिसका यह एक अर्थ है छत्र देने वाला।
शिवाजी महाराज ने हिंदू स्वराज्य की स्थापना कर मुगलों के विरुद्ध संघर्ष किया और उनके द्वारा किए जाने वाले अत्याचारों पर रोक लगा दी।
छत्रपति शिवाजी महाराज का पूरा नाम शिवाजी राजे शहाजी राजे भोसले था।
पिता का नाम - श्री शहाजीराजे भोसले
माता का नाम - जीजाबाई (जिजाऊ) शहाजी राजे भोसले।
शिवाजी महाराज का जन्म शिवनेरी किले पर हुआ। वहीं पर शिवाई नामक देवी का मंदिर स्थित है।
छत्रपति शिवाजी महाराज के बाल्य जीवन में माता जीजाबाई ने उन्हें ऐतिहासिक धार्मिक और पौराणिक कथाएं सुनाती और उनसे उन्हें प्रेरणा मिलती।
उनके बाल्य जीवन में उन्हें शस्त्र प्रशिक्षण उनके गुरु दादोजी कोंडदेव द्वारा मिला।
आज भी छत्रपति शिवाजी महाराज के लिए नारे लगाए जाते हैं ,
"प्रौढप्रताप पुरंदर, क्षत्रिय कुलावतंस
सिंहासनाधीश्वर, गो ब्राह्मण प्रतिपालक
भोसले कुलदीपक , हिन्दवी साम्राज्य संस्थापक
मुघल जन संघारक,श्रीमान योगी
महाराजाधिराज
छत्रपति शिवाजी महाराज की जय "
'जय भवानी। जय शिवाजी'
Explanation:
Answer:✍️
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C) 1674 ई.
Explanation:
C) 1674 ई.
शिवाजी महाराज ने 1674 ई. मे छत्रपति की उपाधि धारण की ।
अतिरिक्त जानकारी :
छत्रपति शब्द का अर्थ है, सम्राट । सम्राट मतलब चक्रवर्ती राजा।
छत्रपति यह शब्द मराठो द्वारा शिवाजी महाराज के लिए प्रयोग किए जाने वाला शब्द है, जिसका यह एक अर्थ है छत्र देने वाला।
शिवाजी महाराज ने हिंदू स्वराज्य की स्थापना कर मुगलों के विरुद्ध संघर्ष किया और उनके द्वारा किए जाने वाले अत्याचारों पर रोक लगा दी।
छत्रपति शिवाजी महाराज का पूरा नाम शिवाजी राजे शहाजी राजे भोसले था।
पिता का नाम - श्री शहाजीराजे भोसले
माता का नाम - जीजाबाई (जिजाऊ) शहाजी राजे भोसले।
शिवाजी महाराज का जन्म शिवनेरी किले पर हुआ। वहीं पर शिवाई नामक देवी का मंदिर स्थित है।
छत्रपति शिवाजी महाराज के बाल्य जीवन में माता जीजाबाई ने उन्हें ऐतिहासिक धार्मिक और पौराणिक कथाएं सुनाती और उनसे उन्हें प्रेरणा मिलती।
उनके बाल्य जीवन में उन्हें शस्त्र प्रशिक्षण उनके गुरु दादोजी कोंडदेव द्वारा मिला।
आज भी छत्रपति शिवाजी महाराज के लिए नारे लगाए जाते हैं ,
"प्रौढप्रताप पुरंदर, क्षत्रिय कुलावतंस
सिंहासनाधीश्वर, गो ब्राह्मण प्रतिपालक
भोसले कुलदीपक , हिन्दवी साम्राज्य संस्थापक
मुघल जन संघारक,श्रीमान योगी
महाराजाधिराज
छत्रपति शिवाजी महाराज की जय "
'जय भवानी। जय शिवाजी'