Hindi, asked by tirkeysantkumar63, 8 hours ago

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(क) स्वयं कविता रच लेने का आत्मविश्वास लेखक के मन में कैसे पैदा हुआ?'
जुड़ा'
कहानी के आधार पर लिखिए।​

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Answered by shishir303
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¿ स्वयं कविता रच लेने का आत्मविश्वास लेखक के मन में कैसे पैदा हुआ?'  जूझ'  कहानी के आधार पर लिखिए।

✎... ‘जूझ’ इस कहानी में लेखक की पाठशाला में उसके मराठी के अध्यापक सौंदलगेकर थे। वह एक अच्छे कवि और वक्ता थे। उनका कविता पढ़ाने का तरीका अद्भुत था। लेखक जब भी उनके मुख से कविता सुनता तो उसे बेहद आनंद आता। धीरे-धीरे लेखक की कविता में रूचि बढ़ने लगी और उसके मन में स्वयं कविता रचने की भावना जागृत हुई। लेखक नें पहले दूसरों की कविताओं को दूसरे रूप में गाना आरंभ किया। इस तरह उसके अंदर आत्मविश्वास जगा। जब वह कविता पाठन में निपुण हो जाता है, तब वह स्वयं की कविता रचना आरंभ करने लगता है। धीरे-धीरे अभ्यास करते करते वह एक अच्छा कवि बन जाता है और उसके मन के अंदर का डर निकल जाता है। लेखक को कविता रचने का आत्मविश्वास अपने मराठी के अध्यापक सौंदलगेकर की बातों से ही प्राप्त हुआ था।

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"जूझ" पाठ के पात्र 'दत्ताजी राव देसाई' ने लेखक के जीवन को कैसे प्रभावित किया? उदाहरण सहित उत्तर दीजिए।

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आपके खयाल से पढाई - लिखाई के संबंध में लेखक और दत्ता जी राव का रवैया सही था या लेखक के पिता का ? तर्क सहित उत्तर दें।

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Answered by Sanjaykumarshahsin
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Ans लावा सोनल ओके कर मास्टर मराठी पढ़ाते थे एक कविता की सुरीली आवाज चांद की बढ़िया चाल और उसी कथा के साथ चुराते थे लेखक उनके प्रभावित होने के कारण की कविताओं को खेत पर अकेला अभिनय के साथ दौरा तथा इसके पहले वह कभी को किसी दूसरे लोग का प्रणाली मानता था सौधालगेर ने लेखक को कोई काव्य संग्रह पढ़ाने को दिए तथा उन कवियों के चित्र बताया करते थे मास्टर साहब थे इसलिए लेखक को विश्वास हुआ कि कभी भी अपने जैसा ही एक हाड मास का काम होता है लेखक को आग कि वह भी कविता कर सकता है

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