English, asked by dipeshkrsmi01, 19 days ago

1795 के संविधान के अनुसार गणतंत्र की कार्यपालिका शाखा का जो रूप निश्चित हुआ था​

Answers

Answered by Anonymous
4

Explanation:

किसी भी देश का संविधान उसकी राजनीतिक व्यवस्था की वह बुनियादी सांचा-ढांचा निर्धारित करता है, जिसके अंतर्गत उसकी जनता शासित होती है। यह राज्य की विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका जैसे प्रमुख अंगों की स्थापना करता है, उसकी शक्तियों की व्याख्या करता है, उनके दायित्वों का सीमांकन करता है और उनके पारस्परिक तथा जनता के साथ संबंधों का विनियमन करता है। इस प्रकार किसी देश के संविधान को उसकी ऐसी 'आधार' विधि (कानून) कहा जा सकता है, जो उसकी राजव्यवस्था के मूल सिद्धातों को निर्धारित करती है। वस्तुतः प्रत्येक संविधान उसके संस्थापकों एवं निर्माताओं के आदर्शों, सपनों तथा मूल्यों का दर्पण होता है। वह जनता की विशिष्ट सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक प्रकृति, आस्था एवं आकांक्षाओं पर आधारित होता है।

भारत में नये गणराज्य के संविधान का शुभारंभ 26 जनवरी, 1950 को हुआ और भारत अपने लंबे इतिहास में प्रथम बार एक आधुनिक संस्थागत ढांचे के साथ पूर्ण संसदीय लोकतंत्र बना। 26 नवम्बर, 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा निर्मित ‘भारत का संविधान’ के पूर्व ब्रिटिश संसद द्वारा कई ऐसे अधिनियम/चार्टर पारित किये गये थे, जिन्हें भारतीय संविधान का आधार कहा जा सकता है।

Answered by dakshveer123456789
4

Answer:

डायरेक्टरी (जिसे डायरेक्टरेट, फ्रेंच: ले डायरेक्टोयर भी कहा जाता है) 2 नवंबर 1795 से 9 नवंबर 1799 तक फ्रेंच फर्स्ट रिपब्लिक में गवर्निंग फाइव-मेंबर कमेटी थी, जब इसे 18 ब्रूमायर के तख्तापलट में नेपोलियन बोनापार्ट द्वारा हटा दिया गया था और उनकी जगह वाणिज्य दूतावास

Similar questions