18. भूतापीय ऊर्जा क्या होती है? इसका एक उपयोग लिखिए।
पृथ्वी की सतह के नीचे गर्म जल स्त्रोत से उत्पन्न ऊर्जा को भूतापीय उर्जा कहते हैं
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Explanation:
भूतापीय ऊर्जा पृथ्वी के अंदर से प्राप्त होती है, इसलिए इसे भूतापीय ऊर्जा कहा जाता है। इस ऊर्जा की उत्पत्ति मुख्यत: पृथ्वी में सर्वत्र समाये यूरेनियम, थोरियम व पोटेशियम आइसोटोप के विकिरण और पृथ्वी की कोर में भरे उच्च ताप युक्त तरल पदार्थ मेग्मा की उपस्थिति से होता है। यह भूगर्भीय उष्मा पृथ्वी के भीतर गतिशील जल द्वारा भू-सतह तक पहुंचती है। जिस स्थान पर ताप स्त्रोत भू-सतह के निकट होता है, वहां का भू जल गर्म होकर 'तप्त जल भंडार का रूप ले लेता है। इसका तापमान 30 डिग्री से 375 डिग्री सेल्सियस तक होता है। पृथ्वी के अंदर 3 किमी गहराई तक मिलने वाले ये तप्त जल भंडार गरम पानी व वाष्प उत्पन्न करते हैं, जिसे व्यापारिक स्तर पर अप्रत्यक्ष ऊर्जा उत्पादन के लिये उपयोग में लाया जा सकता है।
Answer:
भू-तापीय ऊर्जा (जिसे जियोथर्मल पॉवर कहते हैं, ग्रीक धातु जियो से आया है, जिसका अर्थ है पृथ्वी और थर्मोस अर्थात ताप) वह ऊर्जा है जिसे पृथ्वी में संग्रहित ताप से निकाला जाता है। यह भू-तापीय ऊर्जा, ग्रह के मूल गठन से, खनिज के रेडियोधर्मी क्षय से और सतह पर अवशोषित सौर ऊर्जा से उत्पन्न होती है।