18. 'हो जाए न पथ में रात कहीं सोचकर कौन
जल्दी-जल्दी चलता हैं ? (Imp)
(क) कबूतर
(ख) चिड़िया
(ग) चिड़िया के बच्चे
(घ) पंथी। घ
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Explanation:
यही सोचता है कि कहीं भी रास्ते में ही रात ना हो जाए वरना रात को कहीं पास में करना पड़ेगा यह सोचकर पथिक जल्दी-जल्दी चलने लगता है
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सही विकल्प होगा...
✔ ((ख) चिड़िया
स्पष्टीकरण ⦂
हो जाए न पथ में रात कहीं सोचकर चिड़िया जल्दी जल्दी चल रही है, क्योंकि घोसले में उसके नन्हे बच्चे उसका इंतजार कर रहे हैं। उसके नन्हें बच्चों को प्रत्याशा यानी उम्मीद है कि उनकी माँ चिड़िया आएगी और उन्हें दाने देगी तथा अपने प्रेम एवं स्नेह से भरेगी।
दिन जल्दी जल्दी ढलता है, कविता में कवि ने चिड़िया के जल्दी जल्दी घर लौटने का ऐसा ही वर्णन किया है।
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