Hindi, asked by kunal613992, 1 year ago

18. लोग यथार्थ को स्वीकार करने में क्यों डरते हैं? लखनवी अंदाज पाठ के आधार
पर बताओ।
9. नवाब साहब का खीरे का आग्रह अस्वीकार करना लेखक को अनुचित लगा।​

Answers

Answered by shishir303
18

“लखनवी अंदाज” कहानी ‘यशपाल’ द्वारा लिखी गयी व्यंग्यात्मक कहानी है।

(1)

लोग यथार्थ को स्वीकार करने से इसलिये डरते हैं क्योंकि वे एक दिखावे और आडंबरपूर्ण माहौल में जीने के आदी हो चुके होते हैं। वो अपने उस तथाकथित सुरक्षित क्षेत्र से बाहर आने से डरते हैं। चूंकि उन्होंने अपने चारों ओर एक दिखावटी और झूठी शान-शौकत वाला माहौल खड़ा कर रखा होता है, इसलिये इस माहौल के बाहर की दुनिया का यथार्थ स्वीकार करने पर उन्हें अपना वो आडंबरपूर्ण और दिखावे की इमारत ढहती हुई नजर आती है, इसलिये लोग यथार्थ को स्वीकार करने से डरते हैं।

(2)

नवाब साहब का खीरे का आग्रह स्वीकार करना लेखक को अनुचित लगा क्योंकि लेखक नवाब साहब के दंभी और झूठी शान-शौकत वाले स्वभाव को पहचान चुका था। नवाब साहब के व्यवहार से भी लेखक को लगा कि नवाब साहब उससे ज्यादा बात करने के उत्सुक नही हैं, इस आत्मीयता के अभाव के कारण लेखक का नवाब साहब का खीरे खाने का आग्रह स्वीकार करना अनुचित लगा।

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