Accountancy, asked by holikaverma20, 8 months ago

18. निम्न प्रदत्त तलपट को टीक करके पुन तैयार कीजिए एवं तदुपरान्त अन्तिम लेने 31 मार्च, 2016 को तैयार कीजिए
Redrawing correctly the trial balance given below, and prepare the final accounts as on 31st March, 2016
तलपट (Trial Balance)
प्रारम्भिक स्कन्ध (Opening Stock)₹2.450
आन्तरिक वापसी (Returms Inward)40
sales 14,600
discount allowed 7,580
debtirs 2,750
क्रय (Purchases)11,870
बाह्य वापसी (Returns Ourward)350
अशोध्य ऋण प्रान किये (Bad
debts received) 250
किराया (Rent)360
वेतन (Salaries)850
यात्रा व्यय (Travelling exp.) 300
पूंजी (Capital)8000
लेनदार (Creditors)1,250
बैंक अधिविकर्ष (Bank Overdraft)1,570
रोकड़ हाथ में (Cash in hand)210
प्रदत्त छूट (Discount allowed)
देनदार (Debtors)7580
बैंक निक्षेप (Bank Deposit)2750
आहरण (Drawings)600
देय बिल (BillsPayable)1350

समायोजन
(1) 31 मार्च 2016 को अन्तिम रहतिया4200था।
(2) 80 ₹ अशोध्य ऋण के अपिलिखित कीजिए एवं विविध देनदारों पर अशोध्य ऋण के लिए 5% संचय बनाइए।
(3) तीन माह का किराया अदत है।
(4) बैंक द्वारा पास बुक में बैंक निक्षेप पर ब्याज के क्रेडिट किये गये 135 ₹ तथा बैंक अधिविकर्ष पर ब्याज के लिए डेबिट किये
गये 157 र की प्रविष्टि पुस्तकों में नहीं हुई है।

Answers

Answered by Hemalathajothimani
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Answer:

पूर्ण सूचना के अभाव में तलपट बनाना

(Preparation of Trial Balance if Full Information is Not Given)

यदि प्रश्न में पूर्ण सूचनायें न दी हों जिनके अभाव में ‘कमी का खाता’ (Deficiency Account) नहीं बन सकता, तो सर्वप्रथम तलपट बनाना चाहिये। यदि तलपट का दोनों तरफ का योग न मिले तो समझना चाहिये कि वास्तव में कुछ सूचनायें नहीं दी हई हैं। यदि तलपट के जमा पक्ष की धनराशि नाम पक्ष की धनराशि से अधिक है तो समझना चाहिए कि यह अन्तर हानि को सम्बोधित कर रहा है। जिसे “कमी खाते” में दायीं ओर लिखना चाहिए। यदि विपरीत स्थिति हो अर्थात् नाम पक्ष का योग जमा पक्ष से अधिक है, तो लाभ समझना चाहिए और उसे ‘कमी खाते’ में बायीं ओर लिखना चाहिए।

इसमें यह ध्यान देने योग्य बात है कि क्या प्रश्न में व्यापार प्रारम्भ होने की तिथि से स्थिति विवरण (Statement of Affiars) बनाने की तिथि तक का लाभ या हानि सम्बन्धी पूर्ण सूचनाएँ दी गई हैं या नहीं। यदि न दी गयी हों तो तलपट बनाकर लाभ-हानि को जाना जा सकता है। तलपट सदैव पुस्तकीय मूल्य पर बनाया जाता है एवं सम्भाव्य दायित्वों को इसमें नहीं लिखा जाता है।

उदाहरण 19. एक व्यापारी ने 30 जून, 2008 को दिवालिया घोषित होने के लिए प्रार्थना-पत्र दिया। निम्न विवरण से उसका स्थिति विवरण और कमी खाता बनाओ। ____ व्यापारिक रहतिया लागत मूल्य 14,400 रु0, जिसमें से 1,200 रु0 का रहतिया एक 2,000 रु0 के ऋणदाता के पास है जिसे उस पर ग्रहणाधिकार प्राप्त है। पुस्तक ऋणी अच्छे 19,500 रु०, संदिग्ध 240 रु0 प्राप्य धनराशि 80 रु०, डूबते 300 रु०। फिक्सचर एवं फिटिंग (हास घटाने के बाद) 460 रु०, रोकड़ हाथ में 20 रु०, प्राप्य बिल 2,200 रु० (जो बैंक के पास 8,000 रु० के अधिविकर्ष की सुरक्षा के लिए रखे हैं, अधिविकर्ष का शेष भाग ऋणी की फ्रीहोल्ड सम्पत्ति, व उसके भाई की व्यक्तिगत जमानत से सुरक्षित है), ग्राहकों के 3,000 रु0 के बिल भुनाये हैं उनमें से 400 रु0 के अशोध्य हैं और 200 रु0 के संदिग्ध हैं। फ्रीहोल्ड सम्पत्ति पुस्तक मूल्य 6,000 रु0 जो 4,000 रु0 के प्रथम रहन के अधीन हैं।

कर मजदूरी आदि के लिये देय राशि 480 रु०। इसके अतिरिक्त लेनदार 59,600 रु0 के हैं। व्यापारिक रहतिया तथा पुस्तक देनदारों (बिलों के अतिरिक्त) से पुस्तक मूल्य का 75% वसूल होने की आशा है। फ्रीहोल्ड सम्पत्ति, जिसकी लागत 6,000 रु० थी, से 4,400 रु० प्राप्त होने का अनुमान है। इन संशोधन के अतिरिक्त अन्य सम्पत्तियों से पुस्तक मूल्य प्राप्त होने का अनुमान है।

तुम्हें यह ज्ञात हुआ कि ऋणी ने 1 जनवरी, 2006 को 10,000 रु0 पूँजी से व्यापार आरम्भ किया था। तब से उसने मासिक किश्तों, में 6,000 रु० प्रति वर्ष आहरण किए हैं। उसके लाभ 31 दिसम्बर, 2006 को समाप्त होने वाले वर्ष के लिए 4,200 रु० और 2007 के लिए 840 रु0 थे। तब से उसने खाते नहीं बनाए हैं।

A Trader filed his Petition for Insolvency on June 30, 2008. From the following particulars, prepare his Statement of Affairs and Deficiency Account:

Stock-in-Trade at Cost Rs. 14,400, Out of which Stock worth Rs. 1,200 is in the hands of a Creditor for Rs 2000 who is entitled to have a lien on it. Book Debts : Good Rs. 19,500. Doubtful Rs. 240 Estimated to Deduce Rs. 80. Bad Rs. 300, Furniture and Fittings (after Depreciation) 460, Cash in Hand Rs. 20, Bills Receivable Rs. 2,200 (held by Bank against Overdraft of Rs. 8,000, the balance of which is secured by a Second Charge on Debtor’s Freehold Property, and by the Guarantee of his Brother) Customers Bills under 2000 of which Rs. 400 are bad and Rs. 200 are doubtful. Freehold Property Book Value Rs. 6,000 is subject to a First Mortgage of Rs. 4,000.

The Unsecured Creditors amount to Rs. 59,600 in addition to Claims for Taxes and Wages of Rs. 480.The stock In Trade and the Book Debts (other than Bills) are Estimated to Produce 75% of their Book

Value. The Freehold Property,hich costs Rs. 6.000 is valued at Rs. 4,400, Except these modifications other Assets are expected to realise their book values.

You learn that the Debtor started business on 1st January, 2006 with a Capital of Rs. 10,000 since then he has withdrawn Rs. 0,000 a year in equal Monthly Instalments. His Profits for the year ending Dec. 2006 were Rs. 4,200 and for 2007 Rs. 840, Since then he has not made up his Accounts

(1) ऋणी ने 31 दिसम्बर , 2007 को बाद अपने खाते नहीं बनाए हैं।अत: 1 जनवरी , 2008 से 30 जून 2008 तक की स्थिति ज्ञात करने के लिए पहले उसका तलपट बनाना होगा।

Answered by amarjittudu22
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Answer:

gp 4880,np 2573,b/s 14420

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