18 सो 57 के स्वतंत्रता आंदोलन में भारतीय सदन तारीफ की किस प्रकार तैयारी की क्लास 8 समाजिक विज्ञान सीबीएसई कोर्स
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…..(Interruptions)
श्री गणेश सिंह (सतना): अध्यक्ष महोदया, मैंने कल बजट पर चर्चा शुरू की थी, उसके बाद आज आपने पुन: मुझे बोलने का मौका दिया, इसके लिए मैं आपको हृदय से धन्यवाद देता हूं ।
मैं माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने देश के लोगों के साथ जो वायदे किए, सरकार में रहते हुए उन्होंने एक-एक करके उन सभी वायदों को पूरा करने का काम शुरू किया है । आज दुनिया में उनकी एक अंतर्राष्ट्रीय नेता के रूप में छवि बनी है । आज उनके बढ़ते हुए प्रभाव को कांग्रेस के लोग पचा नहीं पा रहे हैं । उनके अच्छे कामों को कांग्रेस के लोग इस तरह से प्रस्तुत कर रहे हैं, जैसे वह कोई गलत काम कर रहे हों । मैं कहना चाहता हूं, कल जब सदन में माननीय प्रधानमंत्री जी महामहिम राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अपना उत्तर दे रहे थे, उस समय उन्होंने देश के लोगों के सामने कई ऐसे सवाल उठाए, जिनकी जानकारी देश के लोगों को नहीं थी। कांग्रेस पार्टी को उनका जवाब देना चाहिए, लेकिन वे लोग सदन में उनकी बात को न सुनकर, बाहर जाकर बोल रहे हैं ।
मैं श्री राहुल गांधी जी से पूछना चाहता हूं, आज वह कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष हैं । उनको आज इन सवालों का जवाब देना होगा जो कल प्रधानमंत्री जी ने देश के सामने रखे हैं। वह कहते हैं कि राफेल की बात करो । राहुल गांधी जी, आप इसके पहले यह बताओ कि बोफोर्स और पनडुब्बी का जवाब कौन देगा ? 12 लाख करोड़ रुपये के घोटाले का जवाब कौन देगा ? देश इतना पीछे चला गया, उसका जवाब कौन देगा ? आपके नानाजी ने कहा था कि देश के हर व्यक्ति को रोटी, कपड़ा, मकान देंगे, उसका जवाब कौन देगा ? फिर आपकी दादीजी ने कहा था कि हम गरीबी खत्म कर देंगे, इन सभी सवालों का जवाब तो आपको ही देना पड़ेगा। आप प्रधानमंत्री जी की आलोचना कर रहे हैं। मुझे बहुत आश्चर्य होता है, गांव में कहावत कही जाती है कि चलनी क्या नाम धरे जिसके 36 छेद हों। आज कांग्रेस के 36 छेद हैं । वह किसी के बारे में कुछ कहने के लायक है ही नहीं ।
मैं कहना चाहता हूं कि आज देश की निगाह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की तरफ है कि वह हमारे लिए क्या कर रहे हैं ? आज देश का किसान जो दिन-रात मेहनत करता है लेकिन उसको उसकी फसल का उचित दाम नहीं मिलता। प्राकृतिक आपदा के लिए उसको सहायता नहीं मिलती। वह सरकार की तरफ देख रहा है । किसान पहले से देश में हैं। यह देश कृषि प्रधान देश है । पहले भी कई सरकारें बनीं, लेकिन कभी किसी ने आज तक किसानों के प्रति इतनी गंभीरता प्रकट नहीं की । लेकिन आज किसानों की हर तकलीफ को दूर करने के लिए हमारे प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि हम किसानों की आमदनी को दोगुना करना चाहते हैं । उन्होंने एक समय सीमा तय की । किसानों की आमदनी दोगुना तय हो, इसके लिए सरकार ने उपाय किये हैं। उन्होंने सबसे पहले कहा है कि प्राकृतिक आपदा से कैसे किसानों को बचाया जाए ? इसी सरकार में, इसी सदन में अनेकों बार इस विषय पर चर्चा हुई है। तब कांग्रेस की सरकारें थीं। जो नियम बने थे, उनमें कह रहे थे कि अगर प्राकृतिक आपदा में 50 प्रतिशत फसल का नुकसान होगा तो हम उनको प्राकृतिक आपदा मानेंगे। लेकिन माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार आने के बाद उन्होंने नियमों में शिथिलता लाते हुए 33 प्रतिशत नुकसान की सीमा में लाने का काम किया।