18 सो 57 के स्वतंत्रता आंदोलन में महारानी लक्ष्मीबाई तात्या टोपे की योगदान का वर्णन कीजिए
Answers
Answer:
तात्या टोपे (6 जनवरी 1814 - 18 अप्रैल 1859) भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के एक प्रमुख सेनानायक थे। सन १८५७ के महान विद्रोह में उनकी भूमिका सबसे महत्त्वपूर्ण, प्रेरणादायक और बेजोड़ थी।
रामचंद्र पाण्डुरंग राव यवलकर
6 जनवरी १८१४ – 18 अप्रैल १८५९
Tantiatope.jpg
तात्या टोपे
उपनाम :
महाराष्ट्र का बाघ
जन्मस्थल :
पटौदा जिला, महाराष्ट्र, भारत
मृत्युस्थल:
शिवपुरी मध्य प्रदेश, भारत
आन्दोलन:
प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम
सन् सत्तावन के विद्रोह की शुरुआत १० मई को मेरठ से हुई थी। जल्दी ही क्रांति की चिन्गारी समूचे उत्तर भारत में फैल गयी। विदेशी सत्ता का खूनी पंजा मोडने के लिए भारतीय जनता ने जबरदस्त संघर्ष किया। उसने अपने खून से त्याग और बलिदान की अमर गाथा लिखी। उस रक्तरंजित और गौरवशाली इतिहास के मंच से झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, नाना साहब पेशवा, राव साहब, बहादुरशाह जफर आदि के विदा हो जाने के बाद करीब एक साल बाद तक तात्या विद्रोहियों की कमान संभाले रहे।उनकी मृत्यु धोके से औरछा की रानी लङाई सरकार ने युद्ध के दौरान करी।
Answer:
ok
Explanation:
ok answerbisb correct