Political Science, asked by t8377582, 2 months ago

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भारतीय संविधान के राजनीतिक दर्शन की मुख्य विशेषता
की व्याख्या करें
?

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Answered by avinashxkumarz123
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प्राचीन भारतीय राजशास्त्र की एक अन्य विशेषता यह है कि राजा के पद को अत्यधिक उच्च स्थान प्रदान किया गया है। प्रायः सभी चिन्तकों ने राजपद को दैवी माना है और राजा के दैवी गुणों का समावेश किया है। एक प्रकार से राज्य का सार ही राजा होता था। कौटिल्य ने राजा और राज्य के बीच कोई अन्तर नहीं किया।

Answered by anushkasinghayushi2
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भीमराव रामजी आम्बेडकर[a] (14 अप्रैल, 1891 – 6 दिसंबर, 1956), डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर नाम से लोकप्रिय, भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाजसुधारक थे।[1] उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था।[2] वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माता थे।[3][4][5][6]

पद बहाल

3 अप्रैल 1952 – 6 दिसम्बर 1956

राष्ट्रपति

राजेन्द्र प्रसाद

प्रधानमंत्री

जवाहरलाल नेहरू

भारत के प्रथम क़ानून एवं न्याय मंत्री

पद बहाल

15 अगस्त 1947 – सितंबर 1951

राष्ट्रपति

राजेन्द्र प्रसाद

प्रधानमंत्री

जवाहरलाल नेहरू

पूर्वा धिकारी

पद स्थापित

उत्तरा धिकारी

चारु चंद्र बिस्वार

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