1832 ईस्वी के सुधार अधिनियम के गुण दोष लिखिए
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Answer: 1832 के अनुसार अधिनियम के द्वारा संसदीय व्यवस्था में अनेक महत्वपूर्ण परिवर्तन किये गये। इस अधिनियम की मुख्य धारायें निम्नलिखित थीं -
(1) समान प्रतिनिधित्व - अधिनियम के द्वारा प्रतिनिधियों के वितरण में तो परिवर्तन किया गया, पर उनकी सम्पूर्ण संख्या में कोई परिवर्तन नहीं किया गया। काॅमन-सभा के कुल सदस्यों की संख्या पूर्ववत 658 ही रही। सभी बौरों और काउन्टियों को जनसंख्या और क्षेत्रफल के अनुसार प्रतिनिधियों को समान संख्या में ‘काॅमन-सभा’में भेजने का अधिकार दिया गया। काउन्टियों से भेजे जाने वाले प्रतिनिधियों की संख्या में परिवर्तन कर दिया गया। जिन नगरों और काउन्टियों की जनसंख्या 2 हजार से कम थी, वे काॅमन-सभा में एक भी सदस्य नहीं भेज सकते थे।
2 से 4 हजार तक की जनसंख्या वाले नगरों और काउन्टियों को केवल एक सदस्य भेजने का अधिकार दिया गया। 4 हजार से अधिक जनसंख्या वाले नगरों और काउन्टियों से 2 प्रतिनिधि भेजे जा सकते थे।
(2) भ्रष्ट बौरों की समाप्ति - 56 नष्ट-भ्रष्ट बौरों को जो 111 सदस्य भेजते थे, इस अधिकार से वंचित कर दिया गया। 33 बौरों, जिनकी जनसंख्या 5 हजार से कम थी, केवल एक सदस्य भेज सकते थे। इन परिवर्तनों के फलस्वरूप 143 सदस्यों के स्थान रिक्त हुए, जिनका फिर से वितरण किया गया।
(3) क्षेत्रों का नवीन परिसीमन - उपर्युक्त उपबन्धों के फलस्वरूप 143 स्थान रिक्त हो गये। 143 स्थानों को इस प्रकार वितरित किया - काउन्टियों को 65,20 बड़े नगरों को 44, 21 छोटे नगरों को 21, एकाॅटलैंड को 8, और आयरलैंड को 5 स्थान दिए गये।
(4) अधिक लोगों को मताधिकार - बौरों में मताधिकार प्रणाली की असमानता को दूर करके समानता स्थापित कर दी गई। उन सब गृह-स्वामियों और किराये दारों को, जिनके मकानों का वार्षिक किराया 10 पौंड था, मताधिकर प्रदान किया गया। काउन्टियों में 40 शिलिंग वार्षिक लगान देने वाले स्वतंत्र भूस्वामियों के अधिकार को यथावत रखा गया। उनके अलावा 10 पौंड वार्षिक लगान देने वाले काॅपी होल्डरों, 20 वर्ष के लिए पट्टे पर उन जमीन लेने वालों को जो 50 पौंड वार्षिक लगान देते थे और 50 पौंड वार्षिक लगान देने वाले साधारण किसानों को मताधिकार दे दिया गया। इस तरह मताधिकार में भी समानता लायी गयी और महत्वपूर्ण परिवर्तन किये गये।