Hindi, asked by yusufabbas928, 2 months ago

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एक तिनका 0
1575-15
Passerb
15-5-20
20-5-20
इस कविता में कवि ने व्यवहारिक ज्ञान की सीख देते हुए कहा है कि मनुष्य का कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिए
क्योंकि किसी घमंडी व्यक्ति को सबक सिखाने के लिए एक तिनका भी बहूत होता है। एक तिनका भी उम्मको ती
पीड़ा पहुँचा सकता है जो कोई और नहीं पहुंचा सकता।
मैं घमंडों में भरा ऐंठा हुआ,
एक दिन जब था मुंडेरे पर खड़ा।
आ अचानक दूर से उड़ता हुआ,
एक तिनका आँख में मेरी पड़ा।
मैं झिझक उठा, हुआ बेचैन-सा,
लाल होकर आँख भी दुखने लगी।
Dठ देने लोग कपड़े की लगे,
ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भगी।
जब किसी ढब से निकल तिनका गया,
तब 'समझ' ने यों मुझे ताने दिए।
ऐंठता तू किसलिए इतना रहा,
एक तिनका है बहुत तेरे लिए।
-अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔ​

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Answered by jagrutipatel8105
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Answer:

what's this ???? don't know what to answer...

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