Biology, asked by raunak02022000, 6 months ago

19.
द्विनिषेचन (दोहरे निषेचन) से आप क्या समझते हैं ? इसके महत्व का वर्णन करें।​

Answers

Answered by diksha4357
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Answer:

प्रश्न 1 - द्विनिषेचन (दोहरे निषेचन) से आप क्या समझते हैं ? इसके महत्व का वर्णन करें।

उत्तर - परागनलिका्मक मुक्त होने के पश्चात एक नर युग्मक अंड कोशिका से संलयित होता है। इसे सत्यनिषेचन कहते है। सत्यनिषेचन से द्विगुणित युग्मनज का निर्माण होता है। इसे द्वि निषेचन कहते है।

परागनलिका से होती हुई अण्डाशय तक पहुंचती हे तथा बीजाण्डद्वारी सिरे से बीजाण्ड में प्रवेश करती है परागनलिका के दोनो नर युग्मक तक सासकोशिका में युक्त कर दिये जाते है।

1 युग्मक संलयन (दि-संलयन):-

एक नर युग्मक + अण्ड कोशिका = युग्मनज भ्रूण

2 त्रिसंलयन:-

दूसरा नर युग्मक + केन्द्रीय कोशिका के = प्राथमिक भूणकोष

ध्रुवीय केन्द्रक शूणकोण केन्द्रक

दोहरा निवेचन = युग्मक संलयन + निसंलयन

Answered by btsarmyforever90
0

Explanation:

इसे द्वि निषेचन कहते है। परागनलिका से होती हुई अण्डाशय तक पहुंचती हे तथा बीजाण्डद्वारी सिरे से बीजाण्ड में प्रवेश करती है परागनलिका के दोनो नर युग्मक तक सासकोशिका में युक्त कर दिये जाते है।

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