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बंध के इस प्रकार में संयोजी इलेक्ट्रॉन एक परमाणु से अन्य में स्थानांतरित होते है। एक परमाणु इसके इलेक्ट्रॉन आधिक्य को अन्य परमाणु को दान कर देता है इसलिए दोनों परमाणु स्थायी उत्कृष्ठ गैस विन्यास अर्जित कर लेते है। ... वह आकर्षण बल जो दो परमाणुओं को एक साथ जोड़ता है विध्युत संयोजी या आयनिक बंध कहलाता है।
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