1907 से लेकर 1947 तक ध्वज में क्या पररवतयन आए और क्यों ?
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¿ 1907 से लेकर 1947 तक ध्वज में क्या परिवतयन आए और क्यों ?
✎... 1907 से 1947 के बीच देश के राष्ट्रीय ध्वज में अनेक परिवर्तन आए। भारत का प्रथम राष्ट्रीय ध्वज 7 अगस्त 1906 को कोलकाता में फहराया गया था, जिसमें लाल, पीले और हरे रंग की पट्टियां थीं, जिन पर ऊपरी हरी पट्टी में कमल के फूल बने थे, बीच की पीली पट्टी पर देवनागरी में वंदे मातरम लिखा था और नीचे की लाल पट्टी पर एक चांद और सूरज बने थे। 1907 में भीखाजी रुस्तम कामा ने भारत देश का राष्ट्रीय ध्वज फहराया। ये पहले ध्वज के समान ही था, जिसमें ऊपरी पट्टी पर केवल एक कमल था, जबकि बीच की पट्टी में देवनागरी में वंदेमातरम् लिखा था। नीचे की हरी पट्टी थी, जिसमें सूरज और चांद तारे बने थे।
उसके बाद ध्वज में अनेक परिवर्तन होते रहे, 1917 में हुए परिवर्तन में ध्वज पर यूनियन जैक 5 लाल 4 हरी पट्टियां थी। 1921 में भी परिवर्तन हुआ और ध्वज में सफेद, हरी, लाल पट्टी पर एक चरखा था।
1931 में राष्ट्रीय ध्वज में ऐतिहासिक परिवर्तन हुआ और ध्वज में तीन पट्टियां बनाई गयीं। जिसमें केसरिया, सफेद, हरे रंग तीन पट्टियां थीं। बीच की पट्टी पर नीले रंग में गांधीजी का चरखा बना था।
अंत में 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने भारत का वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज स्वीकार किया जिसमें केसरिया, सफेद और हरे रंग की तीन पट्टियां थी और बीच की सफेद पट्टी पर अशोक चक्र बना था।
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¿ 1907 से लेकर 1947 तक ध्वज में क्या परिवतयन आए और क्यों ?
✎... 1907 से 1947 के बीच देश के राष्ट्रीय ध्वज में अनेक परिवर्तन आए। भारत का प्रथम राष्ट्रीय ध्वज 7 अगस्त 1906 को कोलकाता में फहराया गया था, जिसमें लाल, पीले और हरे रंग की पट्टियां थीं, जिन पर ऊपरी हरी पट्टी में कमल के फूल बने थे, बीच की पीली पट्टी पर देवनागरी में वंदे मातरम लिखा था और नीचे की लाल पट्टी पर एक चांद और सूरज बने थे। 1907 में भीखाजी रुस्तम कामा ने भारत देश का राष्ट्रीय ध्वज फहराया। ये पहले ध्वज के समान ही था, जिसमें ऊपरी पट्टी पर केवल एक कमल था, जबकि बीच की पट्टी में देवनागरी में वंदेमातरम् लिखा था। नीचे की हरी पट्टी थी, जिसमें सूरज और चांद तारे बने थे।
उसके बाद ध्वज में अनेक परिवर्तन होते रहे, 1917 में हुए परिवर्तन में ध्वज पर यूनियन जैक 5 लाल 4 हरी पट्टियां थी। 1921 में भी परिवर्तन हुआ और ध्वज में सफेद, हरी, लाल पट्टी पर एक चरखा था।
1931 में राष्ट्रीय ध्वज में ऐतिहासिक परिवर्तन हुआ और ध्वज में तीन पट्टियां बनाई गयीं। जिसमें केसरिया, सफेद, हरे रंग तीन पट्टियां थीं। बीच की पट्टी पर नीले रंग में गांधीजी का चरखा बना था।
अंत में 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने भारत का वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज स्वीकार किया जिसमें केसरिया, सफेद और हरे रंग की तीन पट्टियां थी और बीच की सफेद पट्टी पर अशोक चक्र बना था।
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