1909 के अधिनियम द्वारा ब्रिटिश भारत के किन क्षेत्रों को केन्द्रीय विधान परिषद में गैरसरकारी सदस्यों के रूप में प्रतिनिधित्व से वंचित रखा गया?
Answers
भारत परिषद अधिनियम 1909 (Indian Councils Act 1909) या ... निर्वाचित सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते थे। ... प्रांतीय विधान परिषदों के सदस्य केन्द्रीय व्यवस्थापिका
1909 के अधिनियम द्वारा ब्रिटिश भारत के उत्तरी पश्चिमी सीमा प्रांत तथा कुर्ग एवं अजमेर व मारवाड़ क्षेत्रों को केंद्रीय विधान परिषद में गैर सरकारी सदस्यों के रूप में प्रतिनिधित्व से वंचित रखा गया था।
Explanation:
1909 के अधिनियम के प्रमुख प्रावधान इस प्रकार है...
केंद्रीय विधान परिषद में सुधार करके इसकी सदस्य संख्या 60 दी गई। जिनमें से 37 सरकारी सदस्य तथा 23 गैर सरकारी सदस्य थे। यह सारे सदस्य निर्वाचित सदस्य होते थे। इसके अलावा 9 सदस्य स्थाई होते थे, जिन्हें मनोनीत किया जाता था। इस तरह कुल 69 सदस्य होते थे। सदस्यों के निर्वाचक मंडल को तीन श्रेणियों में बांटा गया.. सामान्य निर्वाचक, मध्यम वर्गीय निर्वाचक तथा विशिष्ट निर्वाचक वर्ग।
दूसरे प्रावधान के अंतर्गत प्रांतीय विधान परिषद के संगठन आकार की संख्या में संशोधन करके इसके सदस्यों की संख्या 30 से 50 के बीच निर्धारित कर दी गई। प्रांतीय विधान परिषद में 4 तरह के सदस्य रखे गए.. पदेन सदस्य, मनोनीत सरकारी सदस्य, मनोनीत गैर सरकारी सदस्य, निर्वाचित सदस्य।
विधान परिषद द्वारा पारित विधेयकों को गवर्नर और लेफ्टिनेंट गवर्नर की मंजूरी तथा गवर्नर जनरल जनरल का अनुमोदन जरूरी था।