History, asked by magarerani332, 1 month ago

1914 पूर्वी युरोपात युद्धजन्य परिस्थिती झाली​

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Answered by AngeIianDevil
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राजनय के इतिहास में पूर्वी समस्या या प्राच्य समस्या से आशय उस्मानी साम्राज्य के कमजोर होने पर यूरोप की महाशक्तियों के बीच उपजे रणनीतिक स्पर्धा एवं राजनैतिक स्थिति से है। १८वीं शताब्दी के अन्त से लेकर २०वीं शताब्दी के अन्त तक उस्मानी साम्राज्य राजनैतिक एवं आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहा था। इसे 'यूरोप का रोगी' कहते थे। 'पूर्वी समस्या' के अन्तर्गत एक-दूसरे से जुड़ी अनेकों समस्याएँ थीं, जैसे उस्मानी साम्राज्य की सैनिक पराजय, संस्थानों का दिवाला, उस्मानी साम्राज्य के राजनैतिक एवं आर्थिक आधुनीकरण का अभाव, प्रान्तों में सामाजिक-धार्मिक राष्ट्रीयता का उदय, तथा महाशक्तियों की आपसी प्रतिद्वन्द्विता।

पूर्वी समस्या यूरोप के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित तुर्की साम्राज्य की ईसाई जनता की आजादी की समस्या थी। वस्तुतः पतनोन्मुख तुर्की साम्राज्य ने यूरोप के इतिहास में 19वीं शताब्दी में जिस समस्या को जन्म दिया उसे पूर्वी समस्या कहते हैं। यह बहुत ही जटिल, उलझी हुई तथा विभिन्न देशों के परस्पर विरोधी हितों से सम्बन्धित थी। इस समस्या ने प्रथम युद्ध की पृष्ठभूमि का कार्य किया। इतिहासकार सी.डी. हेजन के अनुसार, "पूर्वी समस्या प्रमुखतः यूरोपीय क्षेत्र में स्थित तुर्की साम्राज्य के भाग्य की समस्या थी।" इसी प्रकार इतिहासकार लिस्टन ने कहा कि, "पूर्वी समस्या सदैव से एक अन्तर्राष्ट्रीय समस्या बनी रही जो किसी न किसी रूप में सदियों से यूरोपीय राजनीति की पृष्ठभूमि को प्रभावित करती रही है।

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