Political Science, asked by gatiyalap3394, 1 year ago

1935 के अधिनियम द्वारा प्रस्तावित संघीय योजना के कोई तीन दोष लिखिए।

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Answered by N3KKI
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इस अधिनियम को मूलतः अगस्त 1935 में पारित किया गया था (25 और 26 जियो. ... स्वायत्तता की अनुमति (भारत सरकार का 1919 अधिनियम द्वारा .... वह पूरी व्यवस्था की लिंच-पिन है

Answered by bhatiamona
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1935 के अधिनियम द्वारा प्रस्तावित संघीय योजना के तीन दोष इस प्रकार हैं...

केंद्र व अन्य इकाईयों के बीच एक समानता का अभाव था। इस अधिनियम में केंद्र व प्रांतों के बीच संवैधानिक और कार्यकारी शक्तियों के प्रसार में तो समानता थी लेकिन देसी रियासतों के मामले में कोई समरूपता नहीं थी। यह इस अधिनियम का प्रथम दोष था।  

संघीय व्यवस्था में एकात्मकता का अभाव था तथा गवर्नर जनरल को प्रांतीय मामलों अपना दखल देने की असीमित छूट थी। इस कारण प्रांतीय इकाइयों की स्वायत्तता का सिमट कर रह गयी थी।  

संघ की इकाइयों में स्वायत्तता की कमी थी। इस अधिनियम में अखिल भारतीय संघ में प्रांतों व देशी रियासतों को उनकी स्वायत्तता तो मिली हुई थी, लेकिन केंद्रीय शासन में एक उत्तरदायी सरकार ना होने के कारण गवर्नर को अत्याधिक असीमित शक्तियां प्राप्त थीं और वह किसी के प्रति उत्तरदायी भी नहीं था। इससे संघ की इकाइयों की स्वायत्तता का कोई महत्व नहीं रह गया था। गर्वनर जब चाहे कुछ भी कर सकता था।

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