1947 ई० के पूर्व भारत परतंत्र था। तब अंग्रेज़ों से स्वतंत्रता प्राप्त करने के खाते
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रहते थे। 1857 ई० में एक ऐसा ही सामूहिक संघर्ष भारतीय लोगों ने किया था
यह संघर्ष निरंतर चलता रहा। जनता में आजादी की चिनगारी सुलगाने का काम
किया करते थे। अंग्रेज़ों को भारत से किसी भी प्रकार निकाल बाहर करने के लिए वे क्यान
क्रांतिकारियों को जब भी अंग्रेजी सरकार पकड़ती, उन्हें फाँसी या कालेपानी की सजा से
भारत माँ की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देनेवाले ऐसे क्रांतिकारियों में व
का नाम अग्रगण्य है।
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bhagat singh
Mahatma Gandhi
subah chandra bosh
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