1947 में भारत के विभाजन के पीछे कौन सा सिद्धांत था उसके बारे में लिखें
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➲ 1947 में भारत के विभाजन के पीछे द्विराष्ट्र का सिद्धांत था।
व्याख्या ⦂
✎... 1947 में जब भारत का विभाजन हुआ तो मुस्लिमों के लिए एक अलग देश की मांग की गई थी। जब अंग्रेजों द्वारा भारत की आजादी देना निश्चित हो गया था, तब मुस्लिम लीग के प्रमुख नेता जिन्ना ने यह मांग की कि मुस्लिमों के लिए एक अलग देश बनाया जाए। मोहम्मद अली जिन्ना मानते थे कि हिंदू बहुल देश में मुस्लिम सुरक्षित नहीं रहेंगे और हिंदुओं का वर्चस्व कायम रहेगा, इसलिए मुसलमानों के भलाई के लिए यह बेहतर है कि उन्हें एक स्वतंत्र देश दिया जाए। उनकी इस मांग का कई लोगों ने विरोध किया, लेकिन वह अपनी जिद पर अड़े रहे।
ब्रिटिश सरकार जो स्वयं फूट डालो राज करो की नीति पर चलती रही थी, उसने भी इस मांग को मान लिया और भारत की आजादी के साथ ही भारत के दो टुकड़े कर दिए, जिसमें पाकिस्तान नाम का एक नया देश उत्पन्न हुआ। ये देश धर्म पर आधारित देश बना था। पाकिस्तान ने इस्लाम धर्म को अपना राजधर्म माना, जबकि भारत धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बना, जहाँ पर जो मुस्लिम पाकिस्तान नहीं जाना चाहते थे, वह भी यहीं रुके रहे।
हालाँकि विभाजन की इस विभीषिका के कारण 1947 में भारत और पाकिस्तान दोनों तरफ के लाखों लोग मारे गये थे, लेकि द्विराष्ट्र का ये सिद्धांत काम कर गया और भारत का विभाजन हो गया था।
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