History, asked by riyasingh90390, 4 months ago

1956 में श्रीलंका में 'सिंहली' को एकमात्र राजभाषा घोषित करने के लिए अधिनियम क्यों पारित किया गया था? ​

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Answered by shishir303
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¿ 1956 में श्रीलंका में 'सिंहली' को एकमात्र राजभाषा घोषित करने के लिए अधिनियम क्यों पारित किया गया था ? ​

✎... श्रीलंका में 1956 में सिंहली को एकमात्र राजभाषा घोषित करने के लिए अधिनियम इसलिए पारित किया गया, क्योंकि श्रीलंका में सिंहली समुदाय के लोग बहुसंख्यक थे।सिंहली समुदाय के नेता बहुसंख्या के आधार पर श्रीलंका में अपना प्रभुत्व जमाना चाहते थे। सन् 1948 में जब श्रीलंका स्वतंत्र राष्ट्र बना तो उस समय सिंहली समुदाय श्रीलंका में बहुसंख्यक आबादी में था। इसके अलावा तमिल बोलने वाले अल्पसंख्यक लोग भी थे। जिनमें श्रीलंकाई तमिल और भारतवासी तमिल थे।

श्रीलंका में सिंहली समुदाय के लोगों का बहुसंख्यक प्रभुत्व जमाने के लिए श्रीलंका सरकार ने 1956 में एक अधिनियम पारित किया, जिसके अनुसार तमिल भाषा को दरकिनार करके सिंहली समुदाय की सिंहली भाषा को एकमात्र राजभाषा घोषित कर दिया गया और श्रीलंका के विश्वविद्यालय और सरकारी नौकरियों में सिंहलियों को प्राथमिकता देने की नीति भी अपनाई गई। संविधान में यह नियम भी पारित किया गया कि सरकार बौद्ध धर्म को संरक्षण देने के लिए बढ़ावा देगी। इससे आगे चलकर सिंहली समुदाय और तमिल समुदाय में संघर्ष बढ़ता गया।  

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