Political Science, asked by ak47742552, 3 months ago

1977 ke baad parmukh sambudhik sansadhn kun kun dhe​

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Answered by gs123183
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Answer:

1977 ke baad parmukh sambudhik sansadhn kun kun dhe

Explanation:

1 मार्च, 1977 को दिल्ली के बोट क्लब में होने वाली चुनावी रैली में मौजूद सरकारी कर्मचारी इंदिरा गांधी से बहुत ख़फ़ा थे.

नई दिल्ली से कांग्रेस प्रत्याशी शशि भूषण ने जब नारा लगाया, 'बोलो इंदिराजी की जय' तो भीड़ की तरफ़ से एक आवाज़ भी नहीं आई. शशि भूषण को लगा कि शायद माइक नहीं काम कर रहे हैं.

उन्होंने जब माइक को खड़खड़ाया तो वहाँ मौजूद लोग हँसने लगे. दिल्ली की जनता ने प्रधानमंत्री के लिए इस तरह की उपेक्षा पहले कभी नहीं दिखाई थी. इंदिरा गांधी का भाषण समाप्त होने से पहले ही लोग वहाँ से उठना शुरू हो गए थे.

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