History, asked by anishrajbhar828, 1 month ago

19वीं शताब्दी में भारत में हुए सामाजिक धार्मिक आंदोलन को समझाइए​

Answers

Answered by gpateljay027gmailcom
8

Answer:

19वीं शताब्दी के सुधार-आंदोलन विशुद्ध धार्मिक आन्दान नहीं थे बल्कि ये सामाजिक-धार्मिक बांदोलन थे। बंगाल के राममोहन राय, मारण्य के गोपाल हरि देशमुख (लोकहितवादी) और आंध के विरेशलिंगम् जैसे सुधारकों ने धार्मिक सुधारों की बकालत “राजनैतिक फायदों और सामाजिक सुख” के लिए की थी।

Explanation:

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Answered by adityamohanjnv
10

Answer:

19वीं शताब्दी के सुधार-आंदोलन विशुद्ध धार्मिक आन्दान नहीं थे बल्कि ये सामाजिक-धार्मिक बांदोलन थे। बंगाल के राममोहन राय, मारण्य के गोपाल हरि देशमुख (लोकहितवादी) और आंध के विरेशलिंगम् जैसे सुधारकों ने धार्मिक सुधारों की बकालत “राजनैतिक फायदों और सामाजिक सुख” के लिए की थी।

Explanation:

राजा राममोहन राय, केशवचंद्र सेन, स्वामी दयानंद सरस्वती, स्वामी रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद आदि सुधारकों ने हिन्दू धर्म, समाज और संस्कृति में सुधार लाने हेतु जबरदस्त आंदोलन छेङ दिया। 19वी. शता. में जो धर्म एवं समाज सुधार आंदोलन हुए, उनके मूल में अनेक कारण थे-

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