Hindi, asked by chauhanumadevi7, 8 months ago

1E
है
लिया
सच है विपत्ति जब आती है,
कायर को ही दहलाती है,
सूरमा नहीं
विचलित
क्षण एक नहीं
धीरज खोते.
विघ्नो को गले
गले लगाते हैं।
बनाते है।
होते.
कांटों में राह
है कौन विघ्न ऐसा जग में,
टिक सके आदमी के मग में,
खम ठोंक ठेलता है जब नर,
पर्वत के जाते पाँव उखड़,
जब जोर लगाता
जाता
है।
पत्थर पानी
है।​

Answers

Answered by Souryakr
3

Explanation:

प्रस्तुत पंक्ति रामधारी सिंह दिनकर द्वारा लिखित रश्मिरथी पुस्तक के तृतीय सर्ग से ली गई है।

Answered by arush861
0

common hi style job hv TX in CNN um um gl uzbek oc ym

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