Hindi, asked by mallubagewadi1, 6 months ago

1F
(ग) समस्त ग्रंथों और अनुभवों का निष्कर्ष है
O (1) संघर्ष से डरना या विमुख होना अहितकर है।
O (ii) मानव धर्म के प्रतिकूल है।
O (iii) अपने विकास को बाधित करना है।
O (iv) उपर्युक्त सभी​

Answers

Answered by mpssankar
8

Answer:

(iv) उपर्युक्त सभी​

Answered by komalsharmasharma199
0

Answer:

(iv) उपर्युक्त सभी​

Explanation:

संघर्ष के मार्ग में अकेला ही चलना पड़ता है। कोई बाहरी शक्ति आपकी सहायता नहीं करती है। परिश्रम, दृढ़ इच्छा शक्ति व लगन आदि मानवीय गुण व्यक्ति को संघर्ष करने और जीवन में सफलता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

दो महत्त्वपूर्ण तथ्य स्मरणीय है – प्रत्येक समस्या अपने साथ संघर्ष लेकर आती है। प्रत्येक संघर्ष के गर्भ में विजय निहित रहती है। एक अध्यापक छोड़ने वाले अपने छात्रों को यह संदेश दिया था – तुम्हें जीवन में सफल होने के लिए समस्याओं से संघर्ष करने को अभ्यास करना होगा। हम कोई भी कार्य करें, सर्वोच्च शिखर पर पहुँचने का संकल्प लेकर चलें। सफलता हमें कभी निराश नहीं करेगी।

समस्त ग्रंथों और महापुरुषों के अनुभवों को निष्कर्ष यह है कि संघर्ष से डरना अथवा उससे विमुख होना अहितकर है, मानव धर्म के प्रतिकूल है और अपने विकास को अनावश्यक रूप से बाधित करना है।

आप जागिए, उठिए दृढ़-संकल्प और उत्साह एवं साहस के साथ संघर्ष रूपी विजय रथ पर चढ़िए और अपने जीवन के विकास की बाधाओं रूपी शत्रुओं पर विजय प्राप्त कीजिए।

यह एक अपठित गद्यांश है जो आपको ऊपर दिया गया है। आप इस अपठित गद्यांश को पढ़ कर उत्तर ढूंढ सकते।

अर्थात: सही उत्तर होगा उपयुक्त सभी

समस्त ग्रंथों और महापुरुषों के अनुभवों को निष्कर्ष यह है कि संघर्ष से डरना अथवा उससे विमुख होना अहितकर है, मानव धर्म के प्रतिकूल है और अपने विकास को अनावश्यक रूप से बाधित करना है।

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