1निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
वर्तमान युग में मनुष्य का जीवन बड़ा ही संघर्षमय होता जा रहा है । उसके जीवन में एक न एक
जटिल समस्या आती रहती है । वह उनको मुलझाने में ही व्यस्त रहता है। चारा दिन-रात
मशीन की तरह निरंतर विभिन्न क्रिया कलापों में व्यस्त रहता है । उसके जीवन में
ऐसे आते हैं. जब वह नाममात्र का संतोष अनुभव कर पाता है। वे होते है - मनोरंजन के क्षण।
मनुष्य स्वभावतः आमोद-प्रमोद प्रिय होता है । मादिकाल में भी मनुष्यों के बीच आमोद-प्रमाद के
करते थे। कारण यह है कि मनोरंजन से हमारा चित कुछ क्षणों के लिए उत्फुल्ल
हो जाता है । बिना मनोरंजन के जीवन भार-सा मालूम होता है । खेल-कूद और दर्शनीय स्थलों पर
हमें एक अनोखी स्फूर्ति मिलती है । इसलिए मनोरजन मनुष्य के लिए अनिवार्य है।
मनुष्य का जीवन कैसा हो गया है और क्या ?
ग) मनोरजन के क्या लाभ है?
ख) मनुष्य कब संतोष का अनुभव करता है ?
घ) मनुष्य स्वभावतः कैसा होता है?
इ.) दर्शनीय शब्द से प्रत्यय अलग कर मूल शब्द भी लिखिए।
क) वर्तमान
कामना का नाम लिन
Answers
Answered by
1
Answer:
dukh takleef thodi kam ho jayegi isliye.
Explanation:
manushya manushya Apne Parivar ke sath Santosh ka Anubhav karta hai. manushya ka swabhav chahie se khadoos kya raho har tarah ka sambhavit hota hai manushya ka
Similar questions
Social Sciences,
2 months ago
Math,
2 months ago
English,
5 months ago
English,
11 months ago
Math,
11 months ago