1पृथा किसकी पुत्री थी ?
2 पृथा का नाम कुंती कैसे पड़ा ?
3 ऋषि दुर्वासा ने कुंती से क्या कहा ?
4 सूर्य के सहयोग से उत्पन्न बालक का कुंती ने क्या किया ?
5 कर्ण का लालन-पालन किसने किया ?
6 पांडू की पत्नियों के नाम लिखिए |
7 पांडु को शाप क्यों मिला ?
Answers
Answer:
कुंती को महर्षि दुर्वासा ने एक वरदान दिया था जिसमें कुंती किसी भी देवता का आवाहन कर सकती थी और उन देवताओं से संतान प्राप्त कर सकती थी। पाण्डु एवं कुंती ने इस वरदान का प्रयोग किया एवं धर्मराज, वायु एवं इंद्र देवता का आवाहन किया। अर्जुन तीसरे पुत्र थे जो देवताओं के राजा इंद्र से हुए। युधिष्ठर यमराज और कुंती के पुत्र थे। भीम वायु और कुंती के पुत्र थे। अर्जुन इन्द्र और कुंती के पुत्र थे। सहदेव और नकुल अश्विनीकुमार और माद्री के पुत्र थे।कुंती ने विवाह के पहले सूर्य देव का आवाहन किया था।सूर्य से कुंती को पुत्र प्राप्त हुआ।जिसका नाम कर्ण था। कर्ण को कुन्ती ने लोक लाज के कारण नदी मे बहा दिया था । कुन्ती एक तपस्वी स्त्री थी, ये हस्तिनापुर राज्य की महारानी और इन्द्रप्रस्थ सम्राज्य की राजमाता थीं । युध्द के बाद गांधारी और धृतराष्ट्र के साथ ये भी वन चली गयी उनकी सेवा के लिए क्योंकी दोनों की आंखे बंद थी ।