1q.हल्कू कंबल के पैसे सहना को देने के लिए क्यों तैयार हो जाता हैं?
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pehle chapter to kaho
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पूस की रात कहानी प्रेमचंद जी द्वारा लिखी गई है |
कहानी ‘पूस की रात’ में हल्कू के माध्यम से कहानी कार ने भारतीय किसान की लाचारी का यथार्थ चित्रण किया है ।
यह कहानी एक गाँव में हल्कू नामक एक गरीब किसान अपनी पत्नी के साथ रहता था ।
हल्कू को अपनी खेत के मालिक का बकाया देना था | हल्कू ने आकर पत्नी से कहा-सहना आया है, लाओ, जो रुपए रखे हैं, उसे दे दूँ। किसी तरह गला तो छूटे। बोली-तीन ही तो रुपए हैं, दे दोगे तो कंबल कहाँ से आवेगा?
उससे कह दो, फसल पर रुपए दे देंगे। अभी नहीं। मगर सहना मानेगा नहीं, घुड़कियाँ जमावेगा, गालियाँ देगा। मालिक के तगादे और गालियों से डरकर उसने वे तीन रुपय निकलकर दे दिए । जमिंदार रुपिए लेकर चला गया । इसलिए हल्कू कंबल के पैसे सहना को देने के लिए तैयार हो जाता हैं|
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