2-1) निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
हर राष्ट्र को अपने सामान्य काम-काज एवं राष्ट्रव्यापी व्यवहार के लिए किसी एक भाषा को अपनाना होता
है। राष्ट्र की कोई एक भाषा स्वाभाविक विकास और विस्तार करती हुई अधिकांश जन-समूह के विचार -विनिमय
और व्यवहार का माध्यम बन जाती है। इसी भाषा को वह राष्ट्र, राष्ट्रभाषा का दर्जा देकर, उस पर शासन की
स्वीकृति की मुहर लगा देता है। हर राष्ट्र की प्रशासकीय सुविधा तथा राष्ट्रीय एकता और गौरव के निमित एक
राष्ट्रभाषा का होना परम आवश्यक होता है। सरकारी काम-काज की केंद्रीय भाषा के रूप में यदि एक भाषा स्वीकृत
ना होगी तो प्रशासन में नित्य ही व्यावहारिक कठिनाइयाँ आयेंगी। अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी राष्ट्र की निजी
भाषा का होना गौरव की बात होती है।
एक राष्ट्रभाषा के लिए सर्वप्रथम गुण है - उसकी व्यापकता'। राष्ट्र के अधिकांश जन- समुदाय द्वारा वह
बोली तथा समझी जाती हो। दूसरा गुण है -'उसकी समृद्धता'। वह संस्कृति, धर्म, दर्शन ,साहित्य एवं विज्ञान
आदि विषयों को अभिव्यक्त करने का सामर्थ्य रखती हो। उसका शब्दकोश व्यापक और विशाल हो और उसमें
समयानुकूल
विकास करने का सामर्थ्य हो। यदि निष्पक्ष दृष्टि से विचार किया जाए तो हिंदी को यह सभी
योग्यताएँ प्राप्त हैं। अतः हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा होने की सभी योग्यताएँ रखती है।
1. गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
2. राष्ट्रभाषा की आवश्यकता क्यों होती है?
3. एक राष्ट्रभाषा ना होने से क्या कठिनाई होती है ?
4. राष्ट्रभाषा होने के लिए कौन सी योग्यताएँ होना आवश्यक हैं?
5. 'विज्ञान' शब्द किस शब्द और उपसर्ग से बना है?
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Explanation:
gadyansh ka upyukt sirsakh
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