2 4. हालदार साहब के मन में कौतुक और प्रफुल्लता के भाव क्यों उठते थे:- a) बदलते चश्मों को देखकर b.) मूर्ति को देख कर c.) कैप्टन को देखकर d.) इनमें से कोई नहीं.
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हालदार साहब के लिए ये कौतुहल दुर्दमनीय हो उठा :- हालदार साहब जब भी नेताजी की मूर्ती को देखते उस पर अलग चश्मा लगा होता। एक बार हालदार साहब ने पानवाले से पूछ लिया, की नेताजी का चश्मा हर बार बदल कैसे जाता है। उम्मीद ह इससे आपको सहायता मिलेगी।
नेताजी का चश्मा कहानी प्रकाश जी द्वारा लिखी गई है | थ एक प्रसिद कहानी है। लेखन ने इस कहानी में देश की भक्ति की भावना सभी नागरिकों में होनी चाहिए का वर्णन किया है ।
जब हालदार साहब ने उससे मूर्ति के चश्मे के ब रहने की बात पूछी तो उस समय उसके मुँह में पान था। हालदार ... एक बार जब कौतूहल दुर्दमनीय हो उठा तो पानवाले से ही पूछ लिया, क्यों भई! क्या हालदार साहब का प्रश्न सुनकर वह आँखों-ही-आँखों में हँसा।
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2. Why did Haldar sahib have ecstasy and hilarity:- a) seeing the changing glasses b. seeing the idol c. seeing the captain d.) none of these.
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