2.68. हमें बड़ों का सम्मान करना चाहिए। का
संस्कृत अनुवाद होगा -
a) वयम् गुरुजनानाम् सम्मानं कुर्याम ।
b) अहम् गुरुजनानाम् सम्मान कुर्यात्।
c) वयम् गुरुजनानाम् सम्मानं कुर्याः ।
d) वयम् गुरुजनरय सम्मानं कुर्यात् ।
Answers
Answer:
d number is the answer of this question
Answer:
वयम् गुरुजनरय सम्मानं कुर्यात् ।
Explanation:
Step : 1 जब हम हिन्दी से संस्कृत में अनुवाद करते है, तब कर्ता और क्रिया दोनों ही - एक ही वचन तथा एक ही काल, एक ही पुरुष, एक ही पद के होना चाहिये। यदि कर्ता एक वचन है तो पुरुष भी एक वचन और क्रिया भी एक ही वचन की होगी। इस प्रकार अहम् गच्छामि, दोनों एक वचन है, एक ही पुरुष है उत्तम पुरुष। मै जाता हूँ ।
Step : 2 मध्यम पुरुष–जिससे बात की जाती है; जैसे-तुम (त्वम्), तुम दोनों (युवाम्), तुम सब (यूयम्)। (3) उत्तम पुरुष-स्वयं बात करने वाला; जैसे—मैं (अहम्), हम दोनों (आवाम्), हम सब (वयम्)। त्वम्, युवाम्, यूयम्, अहम्, आवाम्, वयम्-इन छ: कर्ताओं को छोड़कर अन्य सभी कर्ता प्रथम पुरुष में आते हैं।
Step : 3 जी हां, संस्कृत का अनुवाद आसानी से किया जा सकता है। इसके लिए विभिन्न प्रकार के तरीके हैं। संस्कृत भाषा को सीखने के लिए आप इस संस्कृत SanskritExam. Com वेबसाइट के मेनू बार में जा सकते हैं।
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