Hindi, asked by petterswilson, 1 month ago

2) अ) “बिरह भुवंगम तन बसै, मंत्र न लागै कोई” | आ) “एकै अषिर पीव का , पढे सु पंडित होई” इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए । no damp or else I will delete u​

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Answered by ankit6194
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Explanation:

अर्थात ईश्वर की प्राप्ति नहीं कर पाता। प्रेम से इश्वर का स्मरण करने से ही उसे प्राप्त किया जा सकता है। प्रेम में बहुत शक्ति होती है। औरन, माँहि, देख्या, भुवंगम, नेड़ा, आँगणि, साबण, मुवा, पीव, जालौं, तास।

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