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आज से 5-6 हजार वर्ष पहले सिंधु घाटी में एक सभ्यता अत्यंत विकसित हुई। यह सभ्यता दक्षिण में
काठियावाड़ और पश्चिम में मकरान से हिमालय तक फैली हुई थी। खुदाई में जिन दो बड़े नगरों के
अवशेष मिले हैं, उनके नाम हड़प्पा और मोहनजोदड़ो हैं। इन अवशेषों से पता चलता है कि उस नगर की
योजना बहुत उत्कृष्ट थी। सिंधु घाटी के लोगों को आजीविका का आधार कृषि था। वे मुख्यत: गेहूँ और
जौ की पैदावार करते थे। मोहनजोदड़ो और हड़प्पा में खजूर की गुठलियाँ भी प्राप्त हुई हैं और मोहरों पर
गाय, बैल तथा भैंस की आकृतियाँ अंकित हैं। इससे प्रमाणित होता है कि वे लोग इन पशुओं को बहुतायत
से पालते थे। वे अपने जीवन-यापन के लिए उनके घी, दूध और मांस का प्रयोग करते थे। इसी प्रकार वे
भेड़, बकरी, हाथी तथा सूअर पालते थे, जो उनके जीवन-निर्वाह में सहायक थे। संभवतः इस युग में सिंधु
घाटी में ऊँट नहीं था, किंतु घोड़े
किंतु घोड़े और गधे थे।
(क) सिंधु घाटी की सभ्यता कहाँ-से-कहाँ तक फैली हुई थी?
(ख) सिंधु घाटी की खुदाई में किन दो बड़े नगरों के अवशेष मिले हैं?
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A:1299600 Metre square
B: Harrapa and mohanjodaro
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उत्तर :
(1) सिंधु घाटी की सभ्यता दक्षिण में काठियावाड़ और पश्चिम में मकरान से हिमालय तक फैली हुई थी।
(2) सिंधु घाटी की खुदाई में हड़प्पा और मोहनजोदड़ो नामक दो बड़े नगरों के अवशेष मिले हैं |
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