(2)
ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करे।
गरीब निवाजु गुसई आ
माथे
छत्रु धरै ॥
जाकी छाति जगत कर लागै ता पर तुहीं ढरे।
नीचहु ऊच कर मेरा गाबिंदु काहू ते न डरे।।
नामदेव कबीरू तिलोचन
सैन् तरै।
कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरिजीउ ते सभै सरै।। sandarbh sahit vakhaya
Answers
Answered by
3
Answer:
vahhhh
Explanation:
ye Kavita bhot achi hai
vaise ye Kavita hi hai na
Similar questions