2. अनुच्छेद ।
क. पशु- पक्षियों के प्रति प्रेम
संकेत:- मानव और पशु-पक्षी, आत्मीयता और सहज स्नेह, जीव-दया मानवता का संदेश
अनुच्छेदः-
ख, सैनिकों के प्रति सद्भावः-
संकेत:- सैनिक देश के रक्षक, त्याग और शौर्य के प्रतीक, सैनिकों से प्रेरणा।
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2. अनुच्छेद ।
क. पशु- पक्षियों के प्रति प्रेम
संकेत:- मानव और पशु-पक्षी, आत्मीयता और सहज स्नेह, जीव-दया मानवता का संदेश
अनुच्छेदः- विधाता की इस सृष्टि में बहुत से जीव जंतु पाए जाते हैं । उसमें मनुष्य के बाद पशु पक्षियों का ही स्थान है। प्राचीन काल से ही मानव और पशु पक्षी परस्पर सहजीवी रहे हैं । पशु पक्षी केवल सृष्टि का सौन्दर्य ही नहीं अपितु हमारे मित्र भी है । उनके द्वारा हमें बहुत से ऐसे पदार्थ प्राप्त होते हैं जो जीवन के लिए उपयोगी है । उनके साथ हमारे हृदय में सदैव आत्मीयता व सहज स्नेह का भाव होना चाहिए । कहीं पर उन्होंने हमें दूध देकर पोषित किया है तो कहीं पर हमारे संदेशे पहुंचाने के काम भी किए है । आज भी वे हमारे कार्य करने के लिए तत्पर दिखाई देते हैं। यद्यपि हमने अपनी हिंसक वृतियों द्वारा उन्हें हानि ही पहुंचाई है । उनके प्राण तक छीने हैं । यदि ये न होंगे तो यह सृष्टि बहुत बदरंग और सूनी - सूनी हो जाएगी । हम मानव है । ईश्वर ने हमें बुद्धि प्रदान की है अस्तु सृष्टि के नियंता के इस सृजन को सुरक्षित संरक्षित और पोषित करना मानवता की पुकार है । अस्तु इन निरीह जीवों के प्रति दया - भाव रखना ही चाहिए |
ख, सैनिकों के प्रति सद्भावः-
संकेत:- सैनिक देश के रक्षक, त्याग और शौर्य के प्रतीक, सैनिकों से प्रेरणा
2. अनुच्छेद ।
सैनिक हमारे देश की वह धुरी है जिस पर हमारे देश की सुरक्षा निर्भर करती है । किसी भी देश का विकास तभी हो सकता है जब देश सुरक्षित रहेगा। देश सुरक्षित तभी रहता हैं जब उस देश के सैनिक अपनी संपूर्ण त्याग भावना के साथ देश के लिए बलिदान करने में तत्पर रहते है । वे देश के सच्चेे रक्षक होते हैं । तपती धूप हो या कड़ाके की सर्दी , सैनिक अपने देश की रक्षा के लिए सभी भौतिक तापोंको सहन करके भी देश की रक्षा करते हैं | वे अपनी जान हथेली पर लेकर चलते हैं और जरूरत पड़ने पर अपने प्राणों का त्याग करने से भी नहीं चूकते | उनकी शौर्य गाथाएं देश के इतिहास में अमर हो जाती हैं। वे मरते नहीं शहीद होते हैं | ऐसे सैनिकों से भला कौन प्रेम नहीं करेगा ? इन सैनिको से समस्त देशवासियों को प्रेरणा लेनी चाहिए एवं देश और देशवासियों की अपने - अपने तरीके से सेवा करनी चाहिए | सैनिकों के प्रति दुर्भावना रखना अपने देश से गद्दारी करने के समान है | देश के प्रत्येक व्यक्ति को इनके प्रति कोटी-कोटी नमन कर इनके प्रति आदर एवं सद्भाव रखना ही चाहिए |