Hindi, asked by Rahulbairwa96805, 5 months ago

2. 'अपने मन का छंद होना इस बात का क्या अर्थ है ?​

Answers

Answered by shishir303
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बहुत दिन हो गए हमें अपने मन के छंद हुए हुए...

‘भवानी प्रसाद मिश्र’ द्वारा रचित “कठपुतली” नामक कविता की इन पंक्तियों का आशय मन की व्यथा से है। कठपुतली अपने मन की व्यथा को व्यक्त करते हुए कहती हैं कि वह पूरे जीवन हमेशा दूसरों के इशारे पर नाचती रही हैं। अब वह स्वतंत्र होना चाहती हैं अर्थात वह अपने पैरों पर खड़े होकर स्वतंत्र होकर नाचना चाहती हैं। वह धागों के बंधन से मुक्त होकर मुक्त होकर अपनी इच्छा अनुसार जीना चाहती हैं। यहाँ मन के छंद से तात्पर्य मन की खुशी से है। कठपुतलियां अपने मन की खुशी को महसूस करना चाहती हैं और उनकी खुशी धागों के बंधन में नहीं बल्कि स्वतंत्रता में है।

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