Hindi, asked by harini2111, 4 months ago


2.'अपने श्री पराए बन जाते है- संपत्ति के लिए हरिहर काका कहानी के अधार पर
सिदय कीजिए।40 to 50 words

Answers

Answered by jattbeniwal321
2

Answer:

हरिहर काका

कथावाचक और हरिहर काका के बीच क्या संबंध है और इसके क्या कारण हैं?

उत्तर: कथावाचक और हरिहर काका के बीच दोस्ती का संबंध है, हालांकि दोनों के बीच उम्र का फासला है। जब कथावाचक एक छोटा बच्चा था तो उसे हरिहर काका का ढ़ेर सारा प्यार मिला। जब वह थोड़ा बड़ा हुआ तो उसके पहले मित्र भी हरिहर काका ही बने। कथावाचक की माँ के अनुसार, हरिहर काका के लिए पहला मित्र कथावाचक ही था।

हरिहर काका को महंत और अपने भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे?

उत्तर: महंत और हरिहर काका के भाई, दोनों की मंशा एक ही थी। दोनों ने अपने लक्ष्य साधने के लिए हरिहर काका से बराबार की मात्रा में बुरा व्यवहार किया। इसलिए हरिहर काका को महंत और अपने भाई एक ही श्रेणी के लगने लगे।

ठाकुरबारी के प्रति गाँव वालों के मन में अपार श्रद्धा के जो भाव हैं उससे उनकी किस मनोवृत्ति का पता चलता है?

उत्तर: गाँव के लोगों की ठाकुरबारी में अपार श्रद्धा थी। इससे पता चलता है कि गाँववाले धार्मिक प्रवृत्ति के लोग थे और सीधे सादे थे। जिस तरह से वे ठाकुरजी से मन्नतें माँगते थे उससे पता चलता है कि वे अंधविश्वासी भी थे।

अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका दुनिया की बेहतर समझ रखते हैं? कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: हरिहर काका ने अपने अनुभव से यह सीखा था कि जिस व्यक्ति के हाथ से संपत्ति छिन जाती है उसकी क्या दुर्दशा होती है। उन्होंने ऐसे कई उदाहरण देखे थे जिसमें लोगों ने किसी बुजुर्ग से संपत्ति अपने नाम लिखवाने के बाद उस बुजुर्ग की हालत कुत्ते से भी बदतर कर दी थी। इसलिए हरिहर काका पूरी तरह से यह मन बना चुके थे कि अपने जीते जी किसी के नाम अपनी जायदाद नहीं करेंगे। इसी आधार पर लेखक ने कहा है कि अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका दुनिया की बेहतर समझ रखते थे।

Explanation:

hope it help

mark me as BRAINLIEST

Answered by siddhantuchle12
0

Explanation:

कहानी के आधार पर गाँव के लोगों को बिना बताए पता चल गया कि हरिहर काका को उनके भाई नहीं पूछते। इसलिए सुख आराम का प्रलोभन देकर मंहत उन्हें अपने साथ ले गया। भाई मन्नत करके काका को वापिस ले आते हैं। इस तरह गाँव के लोग दो पक्षों में बँट गए कुछ लोग मंहत की तरफ़ थे जो चाहते थे कि काका अपनी ज़मीन धर्म के नाम पर ठाकुर बाड़ी को दे दें ताकि उन्हें सुख आराम मिले, मृत्यु के बाद मोक्ष, यश मिले। मंहत ज्ञानी है वह सब कुछ जानता है। लेकिन दूसरे पक्ष के लोग कहते कि ज़मीन परिवार वालो को दी जाए। उनका कहना था इससे उनके परिवार का पेट भरेगा। मंदिर को ज़मीन देना अन्याय होगा। इस तरह दोनों पक्ष अपने-अपने हिसाब से सोच रहे थे परन्तु हरिहर काका के बारे में कोई नहीं सोच रहा था। इन बातों का एक कारण यह भी था कि काका विधुर थे और उनके कोई संतान भी नहीं थी। पंद्रह बीघे ज़मीन के लिए इनका लालच स्वाभविक था।

plz mark as branist

Similar questions