2. अपठित काव्यांश को पढकर प्रश्नों के
उत्तर दें। कोई लहर ना रोक सकेगी हम
मंजिल के दीवाने हैं। संकल्पों के हम हैं सागर
साहस के ध्रुव तारे हैं।कभी ना बाधाओं के
आगे पाव हमारे हारे हैं। तूफानों को तौल चुके
हम सब जाने- पहचाने हैं भाग्य हमारी मुट्ठी
में है स्वयं विधाता हम जग के। फिर क्यों
किसी आंख में आंसू बरबस आ-आकर
छलके। क) प्रथम पंक्ति में 'लहर 'का क्या
अर्थ है?
O मुट्ठी
O बाधा
O विधाता
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Hi guys Good afternoon .
Explanation:
Leher sabdh ka arth hai "badha".
so good stanza. I have copied it also.
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2. अपठित काव्यांश को पढकर प्रश्नों के
उत्तर दें। कोई लहर ना रोक सकेगी हम
मंजिल के दीवाने हैं। संकल्पों के हम हैं सागर
साहस के ध्रुव तारे हैं।कभी ना बाधाओं के
आगे पाव हमारे हारे हैं। तूफानों को तौल चुके
हम सब जाने- पहचाने हैं भाग्य हमारी मुट्ठी
में है स्वयं विधाता हम जग के। फिर क्यों
किसी आंख में आंसू बरबस आ-आकर
छलके। क) प्रथम पंक्ति में 'लहर 'का क्या
अर्थ है?
O मुट्ठी
O बाधा
O विधाता
hope it helps you ☺☺❤❤
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