2, अपठित काव्यांश
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
जिसकी रज में लोट-लोटकर बडे हुए हैं,
घुटनों के बल सरक-सरक कर खडे हुए हैं,
परमहंस सम बाल्यकाल में सब सुख पाए,
जिसके कारण ' धूल भरे हीरे ', कहलाए,
हम खेले-कूदे हर्षयुत, जिसकी प्यारी गोद में
हे मातृभूमि! तुझको निरख , मग्न क्यों न हो मोद् में ,
निर्मल तेरा नीर अमृत के सम उत्तम हे,
शीतल मंद सुगंध पवन हर लेता श्रम है,
षट्ऋतुओं का विविध, दृश्ययुत अद्भुत क्रम हे;
हरियाली का फर्श नहीं मखमल से कम है। ..
(क) .“धूल भरे हीरे' किन्हें कहा गया है?
(ख) मांतृभूमि को देख भारतीय प्रसन्न क्यों होते हैं?
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Ashutosh
Me Sanchit Wagh
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