2. अधोलिखितानां हिन्द्याम् अनुवादं कुरुत-
(निम्नलिखित का हिन्दी में अनुवाद कीजिए- Translate the following in Hindi)-
(क) नास्ति विद्यासमं चक्षुः ।।
(ख) नास्ति त्यागसमं सुखम्।
(ग) वाञ्छन्ति ये व्यक्तिमपण्डितास्ते।
(घ) क्षिप्रमक्रियमाणस्य कालः पिबति तद्रसम्।
(ङ) व्ययतो वृद्धिमायाति क्षयमायाति संचयात्।
Sanskrit Class 7
book (Sanskrit mitram 2)
Answers
Answered by
31
संस्कृत पंक्तियों का हिंदी में अनुवाद
(क) नास्ति विद्यासमं चक्षुः।
अर्थ — विद्या के समान कोई आँख नही है।
(ख) नास्ति त्यागसमं सुखम्।
अर्थ — त्याग के समान कोई सुख नही है।
(ग) वाञ्छन्ति ये व्यक्तिमपण्डितास्त्रे।
अर्थ — ऐसी सोच वाला व्यक्ति निश्चित रूप से ज्ञानी नही है।
(घ) क्षिप्रमक्रियमाणस्य कालः पिबति तद्रसम्।
अर्थ — काल (समय) कर्म के रस/मिठास को पी लेता है।
(ङ) व्ययतो वृद्धिमायाति क्षयमायाति संचयात्।
अर्थ — विद्यारूपी खजाना खर्च करने से बढ़ता और संचय करने से कम होता है।
Answered by
2
अधोलिखितानां हिन्द्याम् अनुवादं कुरुत-
(निम्नलिखित का हिन्दी में अनुवाद कीजिए- Translate the following in Hindi)-
(क) नास्ति विद्यासमं चक्षुः ।।
(ख) नास्ति त्यागसमं सुखम्।
(ग) वाञ्छन्ति ये व्यक्तिमपण्डितास्ते।
(घ) क्षिप्रमक्रियमाणस्य कालः पिबति तद्रसम्।
(ङ) व्ययतो वृद्धिमायाति क्षयमायाति संचयात्
Similar questions