(2) बाललीला
(3) चिन्तामुक्त
निम्नलिखित शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए।
(1) तन के भाव (2) निरन्तर चलने वाला (3) महिमा से परिपूर्ण
प्र015 - रस के अगों का वर्णन कीजिए।
अक03
अथवा
अतिश्योक्ति अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
T016 - महाकवि सूरदास 'अथवा' गोस्वामी तुलसीदास की काव्यगत विशेषताएँ निम्नलिखित
बिन्दुओं के आधार पर लिखिए
अंक04
1. दो रचनाएँ
2. भावपक्ष
4. साहित्य में स्थान
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Answer:
अतिशयोक्ति
जहां कोई बात आवश्यकता से अधिक बढ़ा चढ़ा कर कहीं जाए उसे अतिशयोक्ति कहते हैं
उदाहरण
हनुमान की पूंछ में ,लगन ना पाई आग
लंका सारी जरि गई, गये निसाचर भाग
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2) गतिशील
3) महिमा मंडित
अतिश्योक्ति अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर -
जहाँ किसी वस्तु का इतना बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया जाए कि सामान्य लोक सीमा का उल्लंघन हो जाए वहाँ अतिशयोक्ति अलंकार होता है।
हनुमान की पूँछ में, लगन न पाई आग। सारी लंका जरि गई, गए निशाचर भाग।” यहाँ हनुमान की पूंछ में आग लगने के पहले ही सारी लंका का जलना और राक्षसों के भागने का बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन होने से अतिशयोक्ति अलंकार है।
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