2. bataiye
क. कौआ कहाँ रहता था?
ख. कौए को कितनी उड़ानें आती थीं?s
ग. कौआ हंसों को क्यों पहचान नहीं सका?
घ. पानी से निकालकर हंस ने कौए के साथ क्या किया?
3. सोचिए (मूल्यपरक प्रश्न)
लोग 'शेखी बघारना' अथवा 'शो ऑफ़' करना क्यों जरूरी समझते हैं? आपके विचार में यह कहाँ तक उचित है?
hansh aur crow
class 7
Answers
Answer:पितृ पक्ष में कौए का बड़ा ही महत्व है। यही कारण है कि श्राद्ध का एक अंश कौए को भी दिया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कौआ अतिथि आगमन का सूचना तो देता ही है, साथ ही पितरों का आश्रम स्थल भी माना जाता है।
पितृ पक्ष में कौए का बड़ा ही महत्व है। यही कारण है कि श्राद्ध का एक अंश कौए को भी दिया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कौआ अतिथि आगमन का सूचना तो देता ही है, साथ ही पितरों का आश्रम स्थल भी माना जाता है।मान्यताओं के अनुसार, श्राद्ध पक्ष में अगर कौआ आपके दिए गए अन्न ग्रहण कर ले तो कहा जाता है कि आपके ऊपर पितरों की कृपा हो गई। गरूड़ पुराण के अनुसार, कौए को यम का संदेश वाहक कहा गया है। यही कारण है कि श्राद्ध पक्ष में कौए का अधिक महत्व माना गया है।
पितृ पक्ष में कौए का बड़ा ही महत्व है। यही कारण है कि श्राद्ध का एक अंश कौए को भी दिया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कौआ अतिथि आगमन का सूचना तो देता ही है, साथ ही पितरों का आश्रम स्थल भी माना जाता है।मान्यताओं के अनुसार, श्राद्ध पक्ष में अगर कौआ आपके दिए गए अन्न ग्रहण कर ले तो कहा जाता है कि आपके ऊपर पितरों की कृपा हो गई। गरूड़ पुराण के अनुसार, कौए को यम का संदेश वाहक कहा गया है। यही कारण है कि श्राद्ध पक्ष में कौए का अधिक महत्व माना गया है।ये भी पढ़ें- ये संकेत बताते हैं कि पितृपक्ष में आपके पितर आपसे प्रसन्न हैं
Answer:
1 कौआ पैद पर रहता था
2 कोआ को 51 उड़ान आती थी
3 क्यों कि हंस को अपने ऊपर गमंड था
4 हंस ने कौआ को अपनी पीठ पर बिठाया