Hindi, asked by alisha161118, 1 year ago

2. भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटानेवाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है? क्या वह निराश है या प्रसन्न है?​

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Answered by superitvika98
19

Answer:

Bhikhmango ki duniya me berok pyaar lutanewale aisa isliye Kehte Hai kyonki Iss duniya Mein log lene ke alawa kuch nahi jante. Kavi ne har jagah apni iccha se logo ko pyaar diya, parantu badle Mein usko vah pyaar nahi mila jiski usse aasha thi.

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Answered by Anonymous
2

Answer:

यहाँ भिखमंगों की दुनिया से कवि का आशय है कि यह दुनिया केवल लेना जानती है देना नहीं। कवि ने भी इस दुनिया को प्यार दिया पर इसके बदले में उसे वह प्यार नहीं मिला जिसकी वह आशा करता है। कवि निराश है, वह समझता है कि प्यार और खुशियाँ लोगों के जीवन में भरने में असफल रहा। दुनिया अभी भी सांसारिक विषयों में उलझी हुई है।

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