Social Sciences, asked by jaggunayak49, 3 months ago

2
भारत का भौतिक स्वरूप
जै.
सा कि आप जानते हैं कि भारत विभिन्न
स्थलाकृतियों वाला एक विशाल देश है। आप
किस प्रकार के क्षेत्र/भूभाग में रहते हैं? यदि
आर मैदानी क्षेत्र में रहते हैं, तो आप वहाँ के दूर तक
फैले विशाल मैदानों से परिचित होंगे और यदि पर्वतीय
क्षेत्र के निवासी है, तो आप पर्वतीय ढलानों और घाटियों
से भली-भाँति परिचित होंगे। वास्तव में, हमारे देश में हर
सकार की भू-आकृतियाँ पायी जाती हैं, जैसे- पर्वत,
मैदान, मरुस्थल, पठार तथा द्वीप समूह।
भारत की भूमि बहुत अधिक भौतिक विभिन्नताओं
को दर्शाती है। भूगर्भीय तौर पर प्रायद्वीपीय पठार पृथ्वी
की सतह का प्राचीनतम भाग है। इसे भूमि का एक बहुत
ही स्थिर भाग माना जाता था। परंतु हाल के भूकंपों ने इसे
गलत साबित किया है। हिमालय एवं उत्तरी मैदान हाल
में बनी स्थलाकृतियाँ हैं। भूगर्भ वैज्ञानिकों के अनुसार
हिमालय पर्वत एक अस्थिर भाग है। हिमालय की पूरी
पर्वत श्रृंखला एक युवा स्थलाकृति को दर्शाती है, जिसमें
ऊँचे शिखर, गहरी घाटियाँ तथा तेज बहने वाली नदियाँ
76°
80°
84°
88°
920
96°पू
68"
72°
पामीर ग्रंथि
कुनलुन श्रेणी
हिमालय पर्वत
अशील दर्रा
360
हिंदकुश
0
200
400
काराकोरमोदरी
600 कि.मी.​

Answers

Answered by unita123chauhan
0

भारत का भौतिक स्वरूप

जै.

सा कि आप जानते हैं कि भारत विभिन्न

स्थलाकृतियों वाला एक विशाल देश है। आप

किस प्रकार के क्षेत्र/भूभाग में रहते हैं? यदि

आर मैदानी क्षेत्र में रहते हैं, तो आप वहाँ के दूर तक

फैले विशाल मैदानों से परिचित होंगे और यदि पर्वतीय

क्षेत्र के निवासी है, तो आप पर्वतीय ढलानों और घाटियों

से भली-भाँति परिचित होंगे। वास्तव में, हमारे देश में हर

सकार की भू-आकृतियाँ पायी जाती हैं, जैसे- पर्वत,

मैदान, मरुस्थल, पठार तथा द्वीप समूह।

भारत की भूमि बहुत अधिक भौतिक विभिन्नताओं

को दर्शाती है। भूगर्भीय तौर पर प्रायद्वीपीय पठार पृथ्वी

की सतह का प्राचीनतम भाग है। इसे भूमि का एक बहुत

ही स्थिर भाग माना जाता था। परंतु हाल के भूकंपों ने इसे

गलत साबित किया है। हिमालय एवं उत्तरी मैदान हाल

में बनी स्थलाकृतियाँ हैं। भूगर्भ वैज्ञानिकों के अनुसार

हिमालय पर्वत एक अस्थिर भाग है। हिमालय की पूरी

पर्वत श्रृंखला एक युवा स्थलाकृति को दर्शाती है, जिसमें

ऊँचे शिखर, गहरी घाटियाँ तथा तेज बहने वाली नदियाँ

76°

80°

84°

88°

920

96°पू

68"

72°

पामीर ग्रंथि

कुनलुन श्रेणी

हिमालय पर्वत

अशील दर्रा

360

हिंदकुश

0

200

400

काराकोरमोदरी

600 कि.मी.

Similar questions