2 भाववाचक संज्ञा किस प्रकार दूसरी संज्ञाओं से अलग है?
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भाववाचक संज्ञा— किसी भाव, गुण, दशा आदि का ज्ञान कराने वाले शब्दों को भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे— क्रोध, मिठास आदि।
भाववाचक संज्ञा का निर्माण जातिवाचक संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया तथा अव्यय में आव, त्व, अन, इमा, ई, ता, हट आदि प्रत्यय जोड़कर किया जाता है।
जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा— पुरुष से पुरुषत्व, नारी से नारित्व, गुरु से गुरुत्व।
सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा— अपना से अपनत्व, मम से ममत्व, निज से निजत्व ।
विशेषण से भाववाचक संज्ञा— सुंदर से सुंदरता, वीर से वीरता, धीर से धीरता, ललित से लालित्य, लाल से लालिमा, भोला से भोलापन।
क्रिया से भाववाचक संज्ञा— घबराना से घबराहट, थकना से थकान, चढ़ना से चढ़ाई, भटकना से भटकाव।
अव्यय से भाववाचक संज्ञा— दूर से दूरी, निकट से निकटता, नीचे से निचाई, समीप से समीपता।
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